राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल ही में अपने 75वें जन्मदिन पर रिटायरमेंट को लेकर उठी अटकलों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि वे तब तक काम करते रहेंगे जब तक संघ चाहेगा. भागवत ने संघ में अपने लगभग 50 वर्षों के अनुभव और मोरोपंत पिंगले से जुड़ी एक मजाकिया घटना का भी उल्लेख कियामोहन भागवत ने रिटायरमेंट की अटकलों को किया खारिज, कहा- “जब तक संघ चाहेगा, काम करता रहूंगा”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने 75वें जन्मदिन के मौके पर रिटायरमेंट को लेकर चल रही अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे तब तक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहेंगे, जब तक संघ की इच्छा होगी।
एक कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा, “संघ में उम्र नहीं, सेवा और जिम्मेदारी देखी जाती है। जब तक संघ को लगेगा कि मैं काम कर सकता हूं, करता रहूंगा।”इस अवसर पर भागवत ने संघ में अपने लगभग 50 वर्षों के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय में उन्होंने संगठन के विभिन्न पहलुओं को करीब से देखा और सीखा है।
भागवत ने संघ के पहले सरकार्यवाह मोरोपंत पिंगले से जुड़ी एक मजेदार घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा “एक बार किसी ने मोरोपंत जी से पूछा कि अब आप कब आराम करेंगे? उन्होंने जवाब दिया – ‘संघ में सेवा से कभी रिटायरमेंट नहीं होता।’”मोहन भागवत 2009 से RSS के सरसंघचालक हैं और संघ के छठे प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में संघ ने सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्र निर्माण के कार्यों को नई दिशा दी है।