ईद के जुलूस में एसडीओपी ने लहराया धार्मिक झंडा,छतरपुर में घोड़े पर बैठकर झंडा लिए दिखे; बोले- किसी ने पकड़ा दिया था। यह मामला संवेदनशील और प्रशासनिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।
SDOP नवीन दुबे, ट्रैफिक प्रभारी दोनों अधिकारी घोड़े पर सवार होकर जुलूस में शामिल हुए। हाथों में इस्लामिक झंडा थामे हुए थे।नारा-ए-तकबीर” के नारे लगाए । DIG ललित शाक्यवार ने अधिकारियों को लगाई फटकार और कहा कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
भारत का प्रशासनिक तंत्र धार्मिक रूप से तटस्थ होता है। किसी धर्म के प्रतीक, नारे या झंडे के साथ सार्वजनिक रूप से शामिल होना, अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है। पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, न कि जुलूस का हिस्सा बनने की।
SDOP और ट्रैफिक प्रभारी द्वारा जुलूस में धार्मिक प्रतीकों के साथ सक्रिय भागीदारी करना प्रशासनिक मर्यादाओं और नियमों का उल्लंघनहै। यह मुद्दा सिर्फ एक धार्मिक जुलूस तक सीमित नहीं, बल्कि प्रशासनिक आचार संहिता और धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों से जुड़ा है।