मध्यप्रदेश कन्या शिक्षा परिसरों का नाम अब ‘माता शबरी आवासीय कन्या शिक्षा परिसर’ होगा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुरूप मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के कन्या शिक्षा परिसरों का नाम बदलकर ‘माता शबरी आवासीय कन्या शिक्षा परिसर करने का निर्णय लिया है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित इन परिसरों के नाम परिवर्तन के आदेश राज्य शासन ने मंगलवार को जारी कर दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में अपने शहडोल प्रवास के दौरान यह घोषणा की थी। यह कदम प्रदेश में जनजातीय बालिकाओं की शिक्षा को सशक्त बनाने और उन्हें सांस्कृतिक गौरव से जोड़ने की दिशा में उठाया गया है।

प्रदेश भर में फिलहाल 82 कन्या शिक्षा परिसर और 8 आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन संस्थानों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक की छात्राएं पढ़ाई करती हैं। कन्या शिक्षा परिसरों में प्रति कक्षा 70 छात्राओं के मान से कुल 490 छात्राएं तथा आदर्श विद्यालयों में प्रति कक्षा 35 के अनुसार 245 छात्राएं अध्ययनरत हैं।

इन छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ आवासीय सुविधा निशुल्क गणवेशब्लू ब्लेजर पुस्तकें स्टेशनरी प्रसाधन सामग्रीऔर पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है। प्रत्येक छात्रा पर15,000 प्रतिवर्ष का व्यय किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, प्रत्येक कन्या शिक्षा परिसर में खेल सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रयोगशालाएँ पुस्तकालय चिकित्सा सुविधाऔर आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए प्रति विद्यालय 7.10 लाख वार्षिक बजट का प्रावधान भी किया गया है।राज्य सरकार के इस निर्णय को सामाजिक और शैक्षणिक संगठनों द्वारा बालिका शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया जा रहा है।