नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025 — भारत के नए उपराष्ट्रपति के रूप में राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की ऐतिहासिक जीत पर भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को जोरदार खुशी जाहिर की। पार्टी ने इसे न केवल एनडीए की मजबूती का प्रतीक बताया, बल्कि दावा किया कि यह परिणाम राधाकृष्णन की व्यापक स्वीकार्यता और विपक्षी खेमे में हुई क्रॉस वोटिंग को भी दर्शाता है।
लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक संजय जायसवाल ने कहा कि राधाकृष्णन को कुल 452 मत प्राप्त हुए, जो उम्मीद से कहीं अधिक हैं। उन्होंने दावा किया कि करीब 40 विपक्षी सांसदों ने ‘अंतरात्मा की आवाज’ पर चलते हुए एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया, जिससे यह बड़ी जीत संभव हुई।
भाजपा नेताओं का कहना है कि यह नतीजा इस बात का प्रमाण है कि राधाकृष्णन की छवि, उनके विचार और सार्वजनिक जीवन में उनकी ईमानदारी ने सदन के दोनों पक्षों के सांसदों को प्रभावित किया। इस परिणाम के बाद विपक्षी दलों के भीतर बेचैनी साफ देखी जा रही है। भले ही विपक्षी नेताओं ने आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, क्रॉस वोटिंग ने विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सीपी राधाकृष्णन की जीत को राजनीतिक विश्लेषक भाजपा और एनडीए के लिए नैतिक और रणनीतिक बढ़त के रूप में देख रहे हैं, खासकर 2029 के आम चुनाव से पहले। यह जीत विपक्ष के लिए एक चेतावनी मानी जा रही है कि अंदरूनी असहमति और नेतृत्व संकट आने वाले दिनों में और गहरा सकता है।सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और पूर्व में राज्यपाल के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने उम्मीदवार बनाया था।