वरिष्ठ न्यायाधीश और पूर्व न्यायमूर्ति आठवले ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा कि मुख्य न्यायाधीश (CJI) गवाई समुदाय से हैं, जो कि दलित समुदाय का हिस्सा है। आठवले ने यह भी कहा कि इस स्थिति को उच्च जाति वाले आसानी से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने अपने बयान में भारतीय न्यायपालिका में सामाजिक और जातिगत विविधता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि न्यायपालिका में सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा पैदा कर दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बयान भारतीय समाज में जातिगत असहमति और न्यायपालिका में बदलाव की चुनौतियों को उजागर करता है।