नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ता वायु प्रदूषण अब केवल फेफड़ों और हृदय के लिए ही नहीं, बल्कि जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के उच्च स्तर से गठिया (Arthritis) और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।
दिल्ली में हर साल सर्दियों के दौरान प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। यह न केवल सांस की बीमारियों को बढ़ाता है, बल्कि शरीर के जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न भी बढ़ाता है। प्रदूषित हवा में मौजूद टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं, जिससे सूजन की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।”
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि जिन लोगों को पहले से गठिया या ऑटोइम्यून बीमारियां हैं, उनके लिए यह स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। ऐसे मरीजों में ठंड और प्रदूषण दोनों मिलकर लक्षणों को दोगुना कर देते हैं।
सुबह-सुबह बाहर टहलने से बचें, खासकर जब हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में हो।घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
विटामिन D और कैल्शियम से भरपूर आहार लें।नियमित व्यायाम और पर्याप्त जल सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में गठिया और अन्य जोड़ों की बीमारियों के मामलों में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।