आईआईटी बॉम्बे ने विकसित की ग्रीनहाउस गैसों के स्तर मापने की नई तकनीक

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने एक नई अत्याधुनिक तकनीक विकसित की है, जो वातावरण में मौजूद ग्रीनहाउस गैसों (Greenhouse Gases) के स्तर को पहले से कहीं अधिक सटीकता और गति से मापने में सक्षम है। यह तकनीक जलवायु परिवर्तन की निगरानी और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को और प्रभावी बनाने में मदद करेगी।

संस्थान के अनुसार, नई प्रणाली में ऑप्टिकल सेंसिंग और डेटा एनालिटिक्स का संयोजन किया गया है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄) और नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) जैसी प्रमुख गैसों की सांद्रता को रियल-टाइम में मापा जा सकेगा। यह तकनीक न केवल अनुसंधान संस्थानों के लिए, बल्कि सरकारी एजेंसियों और औद्योगिक इकाइयों के लिए भी उपयोगी साबित होगी।

आईआईटी बॉम्बे के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आर.एस. देशमुख ने बताया कि यह प्रणाली सैटेलाइट डाटा और स्थानीय मॉनिटरिंग स्टेशनों से प्राप्त जानकारी को एकीकृत कर सटीक रिपोर्ट तैयार कर सकती है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि भारत में विकसित यह तकनीक वैश्विक स्तर पर भी उपयोग में लाई जाए ताकि जलवायु परिवर्तन की गति को बेहतर तरीके से समझा जा सके।”

विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल भारत की नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य (Net Zero Emission Target 2070) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले महीनों में आईआईटी बॉम्बे इस तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली और पुणे में शुरू करने जा रहा है।