ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है। पार्टी ने रविवार को 25 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इस घोषणा के बाद राज्य की सियासत में नई हलचल देखने को मिल रही है।
ओवैसी की पार्टी ने जिन 25 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें ज्यादातर सीटें सीमांचल, मिथिलांचल और कुछ अन्य मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में AIMIM का पिछला प्रदर्शन बेहतर रहा है और पार्टी इसी आधार पर अपने जनाधार को बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
सूची में शामिल उम्मीदवारों में कई पुराने नेता, वर्तमान विधायक और कुछ नए चेहरे भी हैं। पार्टी का दावा है कि उसने सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए युवा, महिला और वंचित समाज से जुड़े प्रतिनिधियों को मौका दिया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि“हम बिहार के विकास, न्याय और हक की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। जनता हमें अपना समर्थन देगी।”उन्होंने अन्य विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि AIMIM गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की असली आवाज बनेगी।
AIMIM की इस घोषणा के बाद महागठबंधन और एनडीए दोनों खेमों में रणनीति को बदलने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम वोटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन की चिंता बढ़ सकती है, जबकि एनडीए इसे अपने लिए अवसर के रूप में देख सकती है।