नई दिल्ली,आपने कई बार देखा होगा कि सरकारी फाइलों पर बड़े अधिकारीजैसे कि जिलाधिकारी (DM), सचिव, या उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी नीले या काले नहीं बल्किहरे रंग की स्याही से साइन करते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे केवल परंपरा ही नहीं बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ा एक अहम कारण है।
सरकारी फाइलों में अलग-अलग रंग की स्याही का इस्तेमाल, फाइल देखने वाले को यह बताता है कि टिप्पणी या आदेश किस स्तर के अधिकारी ने लिखा है।
हरा रंग वरिष्ठ अधिकारी या हेड ऑफ ऑफिस लाल रंग ऑब्ज़र्वेशन/आपत्ति नीला/काला कनिष्ठ अधिकारी या स्टाफ,हरे रंग की स्याही बाकी नोटिंग से स्पष्ट रूप से अलग दिखती है, जिससे उच्च अधिकारी के आदेश सीधे पहचाने जा सकें।
अंग्रेज़ों के समय से ही वरिष्ठ अधिकारियों के लिए हरे पेन के प्रयोग का चलन शुरू हुआ था, जो आज तक जारी है। कई मंत्रालयों और विभागों ने ऑफिस प्रोसिजर मैनुअल में स्याही के रंग को लेकर नियम बनाए हैं, जिनके तहतवरिष्ठ अधिकारी (IAS, IPS, IFS आदि) ग्रीन इंक से साइन करते हैं।विभागाध्यक्ष या सचिव लेवल अधिकारी भी इसी रंग का प्रयोग करते हैं।
भले ही अब फाइलें डिजिटल हो रही हैं, लेकिन सरकारी व्यवस्था में स्याही के रंग की पहचान अभी भी “Decision Hierarchy” को दर्शाने के लिए उपयोग की जाती है।हरे रंग की स्याही सिर्फ स्टाइल नहीं बल्कि अधिकारी की रैंक, अधिकार और प्रशासनिक प्रक्रिया का प्रतीक है। यह व्यवस्था फाइलों को व्यवस्थित, पारदर्शी और स्पष्ट रखने के लिए बनाई गई है।
