दिल्ली में मंगलवार को प्रदूषण कम करने और मौसम में सुधार लाने के लिए की गई क्लाउड सीडिंग की कोशिश नाकाम रही। कानपुर से आए वैज्ञानिकों की टीम ने दोपहर करीब 1 बजे क्लाउड सीडिंग प्रक्रिया शुरू की, लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी बारिश नहीं हुई।
जानकारी के अनुसार, मौसम विभाग (IMD) और IIT कानपुर की टीम ने दिल्ली के ऊपर बादलों में सिल्वर आयोडाइड के कण छोड़े ताकि नमी बढ़े और कृत्रिम बारिश हो सके। लेकिन हवा के तापमान और बादलों की ऊंचाई में असंतुलन के कारण प्रक्रिया सफल नहीं हो पाई।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस समय दिल्ली के ऊपर मौजूद बादल बहुत ऊंचाई पर थे और उनमें पर्याप्त नमी नहीं थी। ऐसे में सिल्वर आयोडाइड का असर सीमित रह गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बुधवार को मौसम की स्थिति थोड़ी अनुकूल हो सकती है, जिससे दूसरी कोशिश में बारिश की संभावना बढ़ेगी।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने बताया कि यह एक ट्रायल प्रोजेक्ट था और आने वाले दिनों में इसका विस्तार किया जा सकता है। अगर अगली बार बारिश सफल रहती है तो इस तकनीक का इस्तेमाल प्रदूषण कम करने के लिए नियमित रूप से किया जा सकता है।
इस बीच, दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 380 से ऊपर दर्ज किया गया, जो “गंभीर श्रेणी” में आता है। नागरिकों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
