युद्धविराम के बीच ग़ाज़ा में इज़राइल का बड़ा हमला, 100 से अधिक की मौत, समझौते पर बड़ा संकट

इस युद्धविराम समझौते की शुरुआत 10 अक्टूबर 2025 को हुई थी, जिसमें करीब दो साल के संघर्ष के बाद ठहराव आया था। समझौते के अंतर्गत, हामास ने ज़िंदा बंधकों को रिहा किया था और इज़राइल ने अपनी सैन्य कार्रवाई वापस ली थी। लेकिन “येलो लाइऩ” के नाम से जानी जाने वाली उस रेखा को लेकर तनाव था, जहाँ इज़राइल ने कहा कि हामास के हमले वहां से युद्धविराम का उल्लंघन थे।

इस एक हमले में इतनी बड़ी हानि ने युद्धविराम की नाजुकता उजागर कर दी है। ग़ाज़ा में पुनर्वास कार्य, मानवीय सहायता तथा सुरक्षित वापसी का काम प्रभावित हो सकता है। इज़राइल के लिए भी यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील है ,युद्ध विराम का उल्लंघन होने का आरोप हामास पर और भी बढ़ गया है।अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है क्योंकि बचाव एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

यदि हामास द्वारा और उल्लंघन होते हैं, तो इज़राइल को भारी प्रतिक्रिया देने का जोखिम है, जिससे पुनः बड़े पैमाने पर संघर्ष छिड़ सकता है। दोनों पक्षों पर ज़रूर होगा कि वे समझौते को बरकरार रखें, अन्यथा ये दौर युद्ध-विराम से युद्ध में बदल सकता है।अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें उस पर बनी हैं कि कैसे इस नाजुक स्थिति को स्थिर किया जाए।