मध्यप्रदेश के ग्वालियर में संविधान निर्माताओं और उनकी भूमिकाओं को लेकर उठे सामाजिक और राजनीतिक विवाद की ओर इशारा करती है। ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद चल रहा है।चीनौर तहसील में भी बिना अनुमति के आंबेडकर की मूर्ति रातोंरात सामुदायिक भवन में स्थापित कर दी गई थी।
इसी बीच ठाठीपुर के नेहरू पार्क में बीएन राव (सर बेनेगल नरसिम्हा राव) की मूर्ति स्थापना के लिए भूमिपूजन कर दिया गया।पुलिस वहां पहुँच गई, लेकिन तब तक भूमिपूजन हो चुका था।आयोजकों का कहना है कि संविधान केवल डॉ. आंबेडकर की देन नहीं, बीएन राव की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी।
यह विवाद केवल मूर्ति स्थापना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पहचान, प्रतिनिधित्व और ऐतिहासिक योगदान को लेकर सामाजिक विमर्श बन चुका है।दोनों पक्षों की मांग है कि सभी योगदानकर्ताओं को मान्यता दी जाए, लेकिन तरीका और स्थान विवाद का विषय बन रहे हैं।
प्रशासन यह जाँच कर रहा है कि भूमिपूजन की अनुमति ली गई थी या नहीं।पुलिस की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि कानून व्यवस्था बनी रहे भले ही मामला भावनात्मक या वैचारिक हो।