इंदौर। इस दिवाली इंदौर का चिड़ियाघर दीपों की रोशनी ही नहीं बल्कि रंगों की बहार से भी जगमगाने वाला है। ऑस्ट्रेलिया से आने वाले 10 जोड़े Rainbow Lorikeet (रेनबो लोरिकेट) पक्षियों की एंट्री होने जा रही है, जिनकी कीमत लगभग 1.5 लाख रुपए प्रति जोड़ी है। इन्हें बर्ड्स एवीयरी में रखा जाएगा। इनकी एंट्री के साथ ही इंदौर मध्यप्रदेश का पहला शहर बन जाएगा जहां ये दुर्लभ और बेहद खूबसूरत पक्षी देखने को मिलेंगे। अभी देश के चुनिंदा ही चिड़ियाघरों में यह पक्षी मौजूद हैं।
इसी के साथ इंदौर चिड़ियाघर में दो जोड़े जंगली भैंसे (बायसन) भी लाए जाएंगे। यह एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत होगा, जिसमें इंदौर से एक टाइगर को कर्नाटक के सोमाको जू भेजा जाएगा।
चिड़ियाघर प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि निगम की विशेष टीम टाइगर को कर्नाटक लेकर जाएगी और वहीं से नए मेहमान—लोरिकेट्स और बायसन—को लेकर वापस लौटेगी। वहीं, शिक्षा अधिकारी निहार परुलेकर ने पुष्टि की कि रेनबो लोरिकेट्स को चिड़ियाघर के बर्ड्स एवीयरी में रखा जाएगा।
रेनबो लोरिकेट के बारे में
फीचर | विवरण |
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आयु | जंगल में लगभग 10 साल; कैद में 20 साल (कुछ मामलों में 30 साल तक) |
आहार | अमृत, परागकण, फल (जैसे आम, पपीता, सेब); विशेष ब्रश जैसी जीभ से भोजन |
वासस्थान | पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया; वर्षावन, वुडलैंड और शहरी पार्कों में पाए जाते हैं |
स्वभाव | बेहद सामाजिक; 10–25 के समूह में उड़ते हैं; हजारों की संख्या में एक साथ बैठते हैं; जीवनभर साथी रहते हैं; चंचल और शोरगुली स्वभाव |
मजेदार तथ्य
- इनकी जीभ विशेष रूप से विकसित होती है, जिससे ये अमृत और परागकण आसानी से चूस पाते हैं।
- फूलों के बीच उड़ते हुए ये महत्वपूर्ण परागणकर्ता होते हैं।
- इनकी आवाज बेहद तेज़ और चहकदार होती है, उड़ान के दौरान तीखी सीटी जैसी आवाज निकालते हैं।
- भारत में बहुत कम चिड़ियाघरों में ये पाए जाते हैं, जैसे मैसूर जू और अरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क (चेन्नई)।
इंदौर के लिए क्यों खास
- प्रदेश में पहली बार: मध्यप्रदेश में रेनबो लोरिकेट लाने वाला पहला शहर होगा इंदौर।
- शैक्षिक और सौंदर्य वृद्धि: ये पक्षी पर्यावरण शिक्षा और संरक्षण संदेश के साथ आकर्षण भी बढ़ाएंगे।
- इको-टूरिज्म का नया हब: इनकी वजह से बर्ड्स एवीयरी पर्यटकों और वीकेंड विजिटर्स के लिए खास आकर्षण बनेगा।