दीये-मोमबत्ती पर खर्च करने के बजाय क्रिसमस से सीखें, अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिवाली के मौके पर एक विवादित बयान दिया, जिसके बाद राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। अखिलेश ने कहा कि लोग दिवाली पर दीये और मोमबत्तियों पर लाखों रुपये खर्च करने के बजाय क्रिसमस से सीखें, जहां लोग सादगी और प्रेम के साथ त्योहार मनाते हैं। उनके इस बयान की कई राजनीतिक दलों और आम लोगों ने आलोचना की।

अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा, “दिवाली पर केवल दीपक और पटाखों पर खर्च करने से बेहतर है कि हम क्रिसमस की तरह जरूरतमंदों की मदद करें और प्रेम का संदेश फैलाएं।” इस बयान को कई लोगों ने भारतीय परंपराओं और सनातन संस्कृति पर टिप्पणी के रूप में देखा।

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने उन पर हिंदू त्योहारों का अपमान करने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि दिवाली का त्यौहार अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रतीक है, इसे किसी अन्य त्योहार से तुलना करना उचित नहीं। सोशल मीडिया पर भी यह बयान तेजी से वायरल हो गया और कई लोगों ने इसे परंपराओं के खिलाफ बताया।

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सफाई देते हुए कहा कि अखिलेश यादव का मतलब त्योहारों की तुलना करना नहीं, बल्कि लोगों को संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश देना था। उनका कहना है कि दिवाली के साथ-साथ गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंदों को भी याद रखना चाहिए।