वर्तमान बी. आर. गवैया (CJI) ने सूर्यकांत को अपने क्रम में अगले सीजेआई के रूप में नामित किया है। सूर्यकांत 24 नवंबर 2025 से देश के 53वें चीफ जस्टिस (CJI) के पद को संभालेंगे। उनका कार्यकाल लगभग 14–15 माह का होगा, निवृत्ति की तिथि 9 फरवरी 2027 निर्धारित है।
यह नियुक्ति वरिष्ठता के उस परंपरागत स्वरूप के अनुरूप है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय (SC) के वरिष्ठतम न्यायाधीश को CJI बनने का अवसर मिलता है।इतिहास में पहली बार हरियाणा से एक न्यायाधीश CJI बनने जा रहे हैं।
सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के गाँव पेटवाड़ा में हुआ था।उन्होंने अपनी विधि की पढ़ाई हरियाणा में की और बाद में उच्च न्यायिक भूमिका निभाई।वर्ष 2004 में उन्हें पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। 5 अक्टूबर 2018 से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। 24 मई 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
उनकी न्यायिक भूमिका में फ्री स्पीच, लैंगिक समानता, अर्टिकल 370, सेडिशन कानून जैसे संवेदनशील विषय शामिल रहे।इस बदलाव से न्यायपालिका में नेतृत्व का सुगम हस्तांतरण सुनिश्चित होगा।सूर्यकांत के कार्यकाल के दौरान देश के सर्वोच्च न्यायालय को कई संवेदनशील और जटिल मामलों से निपटना है — जैसे कि चुनावी प्रक्रियाएँ, नागरिक-स्वतंत्रता, डिजिटल जाल, आदि। उनके करियर से यह संकेत मिलता है कि सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्य उनकी न्याय-दृष्टि के केन्द्र में रहेंगें।
