इंदौर में बीते दिनों अस्पताल परिसर में मासूम बच्चों को चूहों के काटने के मामले ने लोगों को झकझोर दिया था। अब इस घटना से जुड़ी एक और बच्ची की मौत हो गई है। बुधवार दोपहर को 15 दिन की इस मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। यह बच्ची देवास से रेफर होकर इंदौर के सरकारी अस्पताल लाई गई थी।
जन्म से ही बीमार थी बच्ची
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, यह बच्ची जन्म से ही गंभीर बीमारी (कंजेनिटल एनीमिया) से पीड़ित थी। उसका वजन सामान्य से बेहद कम था और हाथों में विकृति थी। करीब सात दिन पहले उसका ऑपरेशन किया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई थी, जिसके चलते बीते 3-4 दिनों से उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।
मामूली था चूहे का काटना
बच्ची को अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान चूहे ने उंगली पर काट लिया था। घटना मामूली थी और घाव गंभीर नहीं था। हालांकि बच्ची की नाजुक हालत को देखते हुए परिवार और परिजन भयभीत हो गए थे। बाद में जब बच्ची की मौत हुई तो मामले ने फिर से तूल पकड़ लिया।
डॉ. जितेंद्र वर्मा, उप अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि बच्ची की मौत का सीधा संबंध चूहे के काटने से नहीं है। बच्ची जन्म से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रही थी और उसी कारण उसकी हालत बिगड़ती गई।
पहले भी हुई थी एक बच्ची की मौत
गौरतलब है कि इंदौर के इस अस्पताल में कुछ दिन पहले भी चूहों द्वारा नवजात बच्ची को काटने की घटना सामने आई थी। उस मामले में भी बच्ची की मौत हुई थी। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल
लगातार सामने आ रहे मामलों ने न केवल परिजनों बल्कि पूरे शहर को चिंता में डाल दिया है। अस्पताल परिसर में चूहों की मौजूदगी और उनकी वजह से बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि इस बच्ची की मौत चूहे के काटने से नहीं बल्कि उसकी गंभीर बीमारी और कमजोर शरीर की वजह से हुई है।
परिजनों में आक्रोश
बच्ची की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि अस्पताल में लापरवाही का स्तर इतना बढ़ गया है कि नवजात तक सुरक्षित नहीं हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच और अस्पताल प्रशासन को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।