जबलपुर शहर में शराब दुकानों को नियमों के खिलाफ शिफ्ट किए जाने का विवाद गहराता जा रहा है। गोरखपुर क्षेत्र में एक कंपोजिट शराब दुकान को चौथी बार रातों-रात स्थानांतरित करने की कोशिश की गई, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं और स्थानीय नागरिकों ने इसका कड़ा विरोध जताया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शराब दुकान के स्थानांतरण में बीजेपी नेताओं और शराब माफियाओं की मिलीभगत है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा और चेतावनी दी कि यदि दुकान को धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थानों के पास शिफ्ट किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, इस शराब दुकान का ठेका इसी साल मार्च में हुआ था और तब से अब तक तीन बार दुकान की जगह बदली जा चुकी है। ताज़ा विवाद तब शुरू हुआ जब इसे कटंगा चौक से हटाकर आदि शंकराचार्य चौक के पास स्थानांतरित करने की तैयारी की जा रही थी। जैसे ही इसकी भनक स्थानीय लोगों और नेताओं को लगी, वहां पर भारी विरोध शुरू हो गया।
विरोध प्रदर्शन में पूर्व विधायक तरुण भनोट और नगर अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने एडिशनल कलेक्टर ऋषभ जैन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि प्रस्तावित स्थान के पास अनगढ़ महावीर मंदिर, हनुमान मंदिर, आकाश कोचिंग और पराग कोचिंग जैसे धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थान मौजूद हैं। ऐसे में यदि यहां शराब दुकान खोली जाती है तो यह न केवल क्षेत्र का माहौल बिगाड़ेगी, बल्कि युवा पीढ़ी पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा।
स्थानीय व्यापारियों, पार्षदों और सामाजिक संस्थाओं ने भी इस स्थानांतरण का विरोध दर्ज कराया। उनका कहना है कि धार्मिक और शैक्षणिक माहौल वाले क्षेत्रों में शराब दुकानें होना सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद गलत है।
संयुक्त कलेक्टर ऋषभ जैन ने आश्वासन दिया कि ज्ञापन और लोगों की आपत्तियों से कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और पूरे मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।