परिजनों की डांट से घबराकर घर से निकला छात्र, ट्रेन से जयपुर से अजमेर पहुंचा

जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाला दसवीं कक्षा का छात्र अचानक घर से बिना बताए लापता हो गया। टेस्ट में अपेक्षित अंक न मिलने पर परिजनों की डांट का डर उसके मन में इतना गहरा बैठ गया कि उसने घर छोड़ने का निर्णय ले लिया। किशोर ट्रेन में बैठकर सीधे जयपुर से अजमेर पहुंच गया। जब परिजनों को उसकी गुमशुदगी का पता चला तो वे घबरा गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। सौभाग्य से बच्चे के पास मोबाइल फोन मौजूद था, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे सुरक्षित ढूंढ लिया गया।

जानकारी के अनुसार, छात्र जयपुर से ट्रेन पकड़कर अजमेर पहुंचा और वहां से वैशाली नगर इलाके में घूमते हुए मयूर स्कूल, अलवर गेट जा पहुंचा। जीआरपी एडिशनल एसपी नरेश शर्मा और सीओ रामअवतार चौधरी के नेतृत्व में जीआरपी व आरपीएफ की संयुक्त टीम ने मोबाइल की लोकेशन को आधार बनाकर करीब एक घंटे की तलाशी के बाद किशोर को मयूर स्कूल से संरक्षण में ले लिया।

पूछताछ के दौरान 15 वर्षीय छात्र ने बताया कि हाल ही में स्कूल में हुए टेस्ट में उसे केवल 80 प्रतिशत अंक मिले थे। उसे डर था कि अच्छे अंक न आने पर माता-पिता डांटेंगे और नाराज़ होंगे। इसी डर से उसने घर छोड़कर अजमेर जाने का फैसला किया। उसने यह भी कहा कि दो साल पहले वह अजमेर के मयूर स्कूल में पढ़ाई करता था और पुराने दोस्तों से मिलने की चाह में वहां पहुंच गया।

जीआरपी अधिकारियों ने किशोर को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है और उन्हें आश्वस्त किया कि बच्चा सुरक्षित है। घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि आज के समय में बच्चों पर पढ़ाई का दबाव और परिजनों की अपेक्षाएँ किस तरह उनके मानसिक संतुलन पर असर डाल सकती हैं।