मध्य प्रदेश के धार जिले के धामनोद कस्बे में एक बेहद असामान्य मामला सामने आया है। यहाँ के एक नोटरी वकील और स्कूल संचालक विनोद डोंगले की डी-मैट खाते में अचानक लगभग 2,817 करोड़ दर्ज हो गई।
डोंगले ने अपनी डी-मैट लॉगिन किया तो देखा कि उनके खाते में हर्सिल एग्रो लिमिटेड नामक कंपनी के 1,312 शेयर दिखे।
प्रति शेयर कीमत 2 करोड़ 14 लाख 74 हज़ार दर्ज थी, जिससे कुल राशि लगभग 28 अरब 17 करोड़ 41 लाख 29 हज़ार 408 तक जा रही थी।
लेकिन कुछ ही समय बाद यह राशि अचानक गायब हो गई बाद में पता चला कि ये सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी थी।
यह घटना वित्तीय बाजार तथा डी-मैट प्रणाली में सिस्टम विश्वसनीयता एवं सुरक्षा के सवाल उठाती है।आम निवेशकों को याद दिलाती है कि अचानक “बहुत अधिक अमीर बनने” जैसी दिखने वाली स्थितियाँ हमेशा वास्तविक नहीं होतीं कभी-कभी यह डेटा त्रुटि होती है। मीडिया एवं सोशल मीडिया में यह घटना विषय-वस्तु बनी “मिनटों का अरबपति” बनना और फिर फर्क का पता चलना।
धार जिले के धामनोद में विनोद डोंगले के मामले में यह स्पष्ट हो गया है कि तकनीकी गड़बड़ियाँ कितनी बड़ी संख्या में भ्रम पैदा कर सकती हैं सिर्फ कुछ क्षणों के लिए उन्होंने अरबपति का दर्जा पाया, लेकिन बाद में यह एहसास हुआ कि वास्तविकता कुछ और थी।
