इस पहल को लेकर मुस्लिम युवाओं ने कहा कि मानवता सबसे ऊपर है। जब किसी संत या समाजसेवी की तबीयत बिगड़ती है, तो हमें एकजुट होकर दुआ करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि प्रेमानंद महाराज जैसे व्यक्ति समाज को जोड़ने का काम करते है। और उनकी सलामती के लिए दुआ करना हमारा धर्म है।
यह घटना न केवल बैतूल बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में धार्मिक एकता और आपसी भाईचारे की मिसाल बन गई है। इससे यह संदेश जाता है कि धर्मों के बीच आपसी सम्मान और सहयोग से ही समाज में शांति और समृद्धि लाई जा सकती है।प्रेमानंद महाराज की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही है
वह पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं। उनका नियमित डायलिसिस चल रहा है,और देशभर में उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए दुआओं का दौर जारी है।इससे पहले, लखनऊ में भी मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रेमानंद महाराज की तस्वीरें लेकर दरगाह पर चादर चढ़ाई और उनकी लंबी उम्र की दुआ की थी।
इसके अलावा, मदीना में भी एक मुस्लिम युवक ने प्रेमानंद महाराज के लिए दुआ की थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।प्रेमानंद महाराज की तस्वीरें सीने से लगाकर दरगाह पहुंचने और चादर चढ़ाने की यह घटना यह साबित करती है कि धर्मों के बीच आपसी सम्मान और भाईचारा समाज की सबसे बड़ी ताकत है।
