पंजाब में फसल के मुआवजे से ज्यादा पराली जलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा

पंजाब सरकार ने किसानों को चेतावनी दी है कि वे फसल के मुआवजे के स्तर से अधिक पराली जलाने की स्थिति में जुर्माने के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे। कृषि विभाग के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और जलवायु संरक्षण को बढ़ावा देना है।

अधिकारियों ने बताया कि किसानों को सरकारी मुआवजा और प्रोत्साहन योजना के तहत पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों का पालन करना अनिवार्य होगा। जो किसान नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन पर भारी जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

किसानों पर धान की पराली जलाने के लिए 30,000 का जुर्माना लगाया जा रहा है, जबकि उसी फसल के नष्ट होने पर उन्हें केवल 20,000 का मुआवजा मिलता है. किसान अपनी मर्ज़ी से पराली नहीं जलाते – सरकार को या तो पराली प्रबंधन के उचित प्रबंध करने चाहिए या फिर 200 प्रति क्विंटल या 6,000 प्रति एकड़ का भुगतान करना चाहिए ताकि किसान खुद पराली का प्रबंधन कर सकें.

किसान मजदूर मोर्चा ने पराली जलाने के लिए किसानों के खिलाफ एफआईआर, जुर्माना और रेड एंट्री दर्ज करने की प्रक्रिया को भी बंद करने की मांग की. पंढेर ने कहा कि 94% प्रदूषण कॉर्पोरेट क्षेत्र से आता है, लेकिन साल भर ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले किसान समुदाय को ही अपराधी बनाया जा रहा है.

किसान नेता पंढेर ने चेतावनी दी कि अगर सरकार किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई बंद नहीं करती है, तो अधिकारियों का बड़े पैमाने पर घेराव किया जाएगा. अन्य मांगों में धान खरीद के दौरान कोई कटौती न करना, गन्ने का बकाया भुगतान और कपास व बासमती की फसलों के उचित मूल्य सुनिश्चित करना शामिल था.