सतना में कांग्रेस नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोका, किसानों की समस्याओं को लेकर उठाए सवाल

सतना। जिले में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोक लिया। इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष और विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने किसानों की समस्याओं को लेकर शिवराज सिंह से सीधी बातचीत की।

कुशवाहा ने कहा कि सतना जिले में किसानों को खाद की उपलब्धता और वितरण को लेकर लगातार परेशानी हो रही है। समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसान पहले ही प्राकृतिक आपदाओं और बढ़ते खेती खर्च से जूझ रहे हैं, ऊपर से खाद का संकट उन्हें और नुकसान पहुंचा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने दिलाया भरोसा

शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतें ध्यान से सुनीं और भरोसा दिलाया कि वे इस विषय पर राज्य सरकार से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।

किसानों पर दर्ज पुराने मुकदमों को हटाने की मांग

विधायक कुशवाहा ने किसानों पर दर्ज पुराने मुकदमों को खत्म करने की भी मांग उठाई। उनका कहना था कि इन मुकदमों से किसान मानसिक और आर्थिक दबाव में जी रहे हैं। अगर सरकार किसानों की भलाई चाहती है तो इन मुकदमों को तुरंत खत्म करना चाहिए। साथ ही उन्होंने प्रशासनिक स्तर पर किसानों के साथ हो रही अभद्रताओं की शिकायत भी केंद्रीय मंत्री से की।

आंदोलन की चेतावनी

कुशवाहा ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर किसानों की समस्याओं पर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगी।

शिवराज का युवा संसद में संबोधन

काफिला रुकने के बाद शिवराज सिंह चौहान सतना शासकीय डिग्री कॉलेज में आयोजित युवा संसद कार्यक्रम में पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।

अपने संबोधन में उन्होंने युवाओं को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के फायदे बताए और कहा कि बार-बार चुनाव होने से देश का पैसा और समय दोनों बर्बाद होते हैं। पिछले पांच सालों में चुनावी प्रक्रिया पर लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, जो जनता के कामों में इस्तेमाल होना चाहिए था।

शिवराज ने कहा कि बार-बार चुनावों से विकास कार्य प्रभावित होते हैं, पर्यावरण को नुकसान होता है और पुलिस बल लगातार चुनावी ड्यूटी में उलझा रहता है। मंच से उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का नारा भी लगवाया।