ऋषिकेश, उत्तराखंड आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र कहे जाने वाले ऋषिकेश को अब एक नई पहचान मिलने जा रही है। यहां बनने जा रहा ग्लास ब्रिज न केवल रोमांच प्रेमियों के लिए नया आकर्षण होगा, बल्कि यह भारतीय पर्यटन की आधुनिक सोच और इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक भी बनेगा। यह परियोजना उत्तराखंड पर्यटन विभाग और राज्य सरकार की संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य है,देशी-विदेशी पर्यटकों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करना।
यह ब्रिज कार्यरत होने के बाद एशिया के सबसे खूबसूरत और रोमांचक ग्लास ब्रिज में शामिल हो सकता है। इसका निर्माण पहाड़ों की ऊंचाई पर किया जा रहा है, जिससे यहां से गंगा नदी, घने जंगल और हिमालय की घाटियों का नज़ारा साफ दिखाई देगा।पुल पूरी तरह से टेम्पर्ड ग्लास और स्टील संरचना से बनाया जाएगा, ताकि सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन हो सके।
गंगा आरती, योग और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध ऋषिकेश अब एडवेंचर और मॉडर्न टूरिज्म के नए केंद्र के रूप में उभरने की तैयारी में है।स्थानीय कारोबारियों, होटल उद्योग और गाइड सेवाओं को इस परियोजना से सीधा लाभ मिलेगा।राज्य सरकार का अनुमान है कि ब्रिज शुरू होने के बाद पर्यटकों की संख्या में 30–40% तक की बढ़ोतरी संभव है।
ऋषिकेश लंबे समय से योग, ध्यान और आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र रहा है। ग्लास ब्रिज बनने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को एडवेंचर, नेचर व्यू और मेडिटेशन का दुर्लभ संगम मिलेगा, जो इसे अन्य पहाड़ी पर्यटन स्थलों से अलग बनाएगा।
स्थानीय युवाओं को पर्यटन आधारित रोज़गार और स्टार्टअप अवसर बढ़ने की उम्मीद है।कैफ़े, होम-स्टे, कैंपिंग, ट्रेकिंग और रिवर राफ्टिंग बिज़नेस को भी इसका फायदा मिलेगा।सरकार का कहना है कि यह प्रोजेक्ट स्थानीय संस्कृति, पर्यावरण और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।
परियोजना का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसे अगले कुछ महीनों में जनता के लिए खोलने की योजना है। ट्रायल रन के बाद ही इसे आधिकारिक रूप से शुरू किया जाएगा।ऋषिकेश का ग्लास ब्रिज सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भारत के उभरते और आधुनिक पर्यटन मॉडल की पहचान बन सकता है
यह प्रोजेक्ट दर्शाएगा कि भारत अब आध्यात्मिकता के साथ-साथ एडवेंचर, टेक्नोलॉजी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
